अहमदाबाद के चांदखेड़ा से डिजिटल फ्रॉड करने वाले 11 आरोपी गिरफ्तार

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डिजिटल फ्रॉड करने वाले 11 आरोपियों को अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने अहमदाबाद के चांदखेड़ा स्थित एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया है। अहमदाबाद शहर साइबर क्राइम में ब्रांच की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए डिजिटल फ्रॉड ,टास्क फ्रॉड, जॉब फ्रॉड, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड को अंजाम देने वाले चीनी गिरोह से जुड़े 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, उनके विरुद्ध गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित 21 राज्यों में 109 साइबर मामले दर्ज हैं यह आरोपी चाइनीस गिरोह को ठगी के लिए बैंक अकाउंट उपलब्ध करते थे पूछताछ में 7 और आरोपियों के नाम पता चले हैं।

साइबर क्राइम ब्रांच की उपयुक्त डॉक्टर लवीना सिन्हा ने बताया कि 5 फरवरी को सूचना के आधार पर चांदखेड़ा की पास में रेजिडेंसी के एक मकान की हमें सूचना थी कि यहां पर साइबर फ्रॉड का काम चल रहा है मौके से 9 लोगों को पकड़ा गया है इनको 8 दिन का रिमांड मंजूर हुआ है।

एक मुख्य आरोपी 10 आरोपियों को पकड़ा

लवीना सिन्हा ने बताया कि चांदखेड़ा से पकड़े गए आरोपी चाइनीस गिरोह को बैंक अकाउंट उपलब्ध कराते थे जिस अकाउंट में ठगी का पैसा जमा होता था। इसमें तीन मुख्य आरोपी है जिसमें से सुनील को पकड़ लिया गया है दो आरोपी फरार है सुनील बीते 4 महीने से अहमदाबाद में किराए के मकान में रह रहा था चांदखेड़ा में दो महीने से रह रहा था सुनील, अनिल के साथ मिलकर गांव के लोगों और मित्रों को यहां बुलाता था।

गांव के लोगों को बुलाकर उन्हें कमीशन का लालच देकर उनके राजस्थान के पते वाले मूल आधार कार्ड में पता बदला जाता था,जोधपुर निवासी सुनील धिराणी के कहने पर और उनकी मदद से अहमदाबाद मुंबई में अन्य राज्यों का पता दर्ज करता था फिर बदले पत्ते वाले आधार कार्ड से बैंक में अकाउंट खुलवाता था अकाउंट की जानकारी चेक बुक, एटीएम कार्ड सुरेश ले लेता था और सुनिल धिराणी को देता था सुनिल धिराणी चाइनीस गिरोह को अकाउंट की जानकारी देता था वह टेलीग्राम चैनल के जरिए चाइनीस गिरोह के लोगों से संपर्क में हैं।

10000 से 20000 कमिशन मिलता था

पकड़े गए आरोपियों से पता चला कि उनके नाम पर अहमदाबाद व अन्य शहरों में बैंक अकाउंट खुलवाने पर उन्हें 10000 से ₹20000 तक कमीशन मिलता था यह कमीशन सुरेश देता था गुजरात में चांदखेड़ा, मोरबी, राजकोट के पतों पर बैंक अकाउंट खुलवाए गए थे इसके अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी बैंक अकाउंट खुलवाए गए हैं।

21 राज्य में 109 शिकायत

लवीना सिन्हा ने बताया कि आरोपियों के पास से मिले बैंक अकाउंट की जांच करने पर सामने आया कि उनके विरुद्ध में नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग (NCRP) पोर्टल पर 21 राज्यों में 109 साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज है।

43 एटीएम, 21 चेकबुक, 20 आधारकार्ड जब्त

आरोपियों के पास से 43 एटीएम कार्ड, 10 पासबुक, 21 चेक बुक, 15 सिम कार्ड, 20 आधार कार्ड, 10 डुप्लीकेट आधार कार्ड, एक पिस्टल और सात कारतूस बरामद किए गए हैं इनकी पूछताछ और प्राथमिक जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 10 दिनों में 4 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है।

9 को चांदखेड़ा अहमदाबाद से दो को जोधपुर से किया गिरफ्तार

राजस्थान के जोधपुर जिले के खिलेरिया की ढाणी पलई गांव निवासी सुरेश बिश्नोई (19), बीकानेर जिले के जजेवाला रणजीतपुरा गांव निवासी अनिल बिश्नोई (20), जोधपुर जिलेखिलेरिया की ढाणी गांव निवासी कैलास बिश्नोई (43), जोधपुर लोहावट के मदाणियो की ढाणी गांव निवासी हुकमाराम बिश्नोई (19), फलौदी जिले की लोहावट तहसील के पलई गांव निवासी मनीष बिश्नोई (20), जोधपुर ढाको की ढाणी चंद्रनगर गांव निवासी विकास बिश्नोई (18), जोधपुर खीचडोकी ढाणी थालोड निवासी राकेश बिश्नोई (22), जोधपुर बांसवाडानगर भीयासर निवासी राकेश बिश्नोई (22) और मनकुल बिश्नोई (25) शामिल हैं। इन्हें चांदखेड़ा से पकड़ा है। पांच दिन जोधपुर में डेरा डालने के बाद जोधपुर से बीनाकेर जिले में गंगानगर रोड इंद्रकोलोनी निवासी ललित कुमार बिश्नोई (26) और कुलदीप किचर (21) को पकड़ा है।

साइबर फ्रॉड अपराधी

इन पर 11 डिजिटल अरेस्ट और 12 इन्वेस्टमेंट फ्रॉड के मामले दर्ज है

इन आरोपियों के बैंक खातों के विरुद्ध 11 डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड 12 इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, 8 टास्क फ्रॉड, 7 जब फ्रॉड के मामले हैं। चीनी गिरोह की ओर से यह फ्रॉड करने के बाद उसके पैसे को इन आरोपियों के दिए गए बैंक अकाउंट में जमा कराया जाता था। लेयर फर्स्ट और लेयर 2 में इन अकाउंट में पैसा जमा होने का पता चलता है इसके बाद इन अकाउंट से तत्काल नगद या फिर RTGS OR IMPS के जरिए ज्यादा से ज्यादा पैसा निकाल लिए जाते थे।

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