Categories NEWS

कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के साथ हो रहा है बड़ा दगा कोई नही ले रहा जिम्मेदारी ..सरकार कर रही है धोखा ……

जॉइनिंग हुए 2 साल बीते , अब तक 1 बार भी नही मिला इन्क्रीमेंट …

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

सरकार की अनदेखी :- कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट्स रूल्स – 2022 को भी एक साल पूरा हुआ ….चिकित्सा विभाग नही दे रहा है ध्यान …

ग्रामीण एरिया मे डॉक्टर्स की कमी को दूर करने के लिए केंद्र के नेशनल हेल्थ मिशन के तहत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की नियुक्ति की थी | लेकिन अब CHO को ही मस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है | राजस्थान मे करीब 2 साल पहले आठ हजार पदों पर सीएचओ को नियुक्ति दी गई थी | दो साल मे एक बार भी इन सीएचओ को इन्क्रीमेंट नही मिल रहा है |

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट्स रूल्स – 2022 के अंतर्गत सविंदा पर कार्यरत कार्मिको को नियमित करने के लिए नये पदों के सर्जन की मंजूरी दी थी | यह नियम अब तक सीएचओ पर लागू नही हो पाया है | अब सीएचओ अपने अधिकार के लिए यहा से वहा चक्कर लगा रहे है |

दरअसल , नियमित नियमित नियुक्ति को दूर उन्हें इन्क्रीमेंट तक नही मिल पा रहा है | यानि ,सीएचओ जिस मानदेय पर लगाए गए थे , दो साल बाद भी वे तय मानदेय प ही कार्य कर रहे है | जबकि सीएचओ ने कोविड जैसे मुश्किल समय मे भी अपनी सेवाए सरकार के लिए दी थी |

हर राज्य मे पांच प्रतिशत इन्क्रीमेंट लगाने का प्रावधान

मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फैमिली अफेयर्स की ओर से सूचना के अधिकार के तहत दिए गए जवाब मे बताया गया था की सीएचओ हर साल काम से कम पांच फीसदी इन्क्रीमेंट देना होगा | यह प्रावधान हर राज्य के लिए लागू होगा | प्रदेश मे अब तक केंद्र सरकार के इस नियम की पालना नही की गई है |

तबादला भी राज्य सरकार के हाथो मे

कई सीएचओ अपने गृह जिले की जगह अन्य जिलों के दूरस्थ एरिया मे सेवाए दे रहे है | वही उनका मानदेय भी सरकार नही बढ़ा रही है | जबकि मानदेय बढ़ाने के साथ अपने गृह जिले मे भेजने का अधिकार सबंधित राज्य सरकार को दिया गया है | दो साल से जो सीएचओ जिस केंद्र पर था,उसे अब तक उसी केंद्र पर काम करना पड़ रहा है |

इंसेंटिव को लेकर असंतोष

कोविड मे जोखिम भरा काम करने वाले कई सीएचओ को इंसेंटिव भी नियमित रूप से नही मिल रहा है | हर जिले मे चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर को इंसेंटिव देने की जिम्मेदारी दी गई है | राज्य के कुछ जिलों मे यह दिया जा रहा है , वही कुछ जिलों मे इसका अनियमित वितरण किया जा रहा है |

भरत बेनीवाल अध्यक्ष राष्ट्रीय रोजगार संघ का कहना है की :- मेडिकल विभाग के सभी सविंदा कर्मचारियों को सीपीआर -2022 के अधीन लेने के बाद इन्क्रीमेंट मे परेशानी आ रही है | मामला कार्मिक विभाग व फाइनेंस के पास है | हमारी वार्ता भी हुई है | उम्मीद है की सविंदाकर्मियों को जल्द ही राहत मिल जाएगी |

About The Author

More From Author