रोहित के आउट होने के बाद पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले के घर चला बुलडोजर

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में 23 फरवरी को भारत और पाकिस्तान ने के बीच दुबई में मैच हुआ था। इस मैच में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा 20 रन बनाकर पेवेलियन लौट गए थे। रोहित शर्मा के आउट होने पर महाराष्ट्र के सिंधु दुर्ग जिले में एक किशोर द्वारा पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का मामला सामने आया था। मामले के तूल पकड़ने और स्थानीय भाजपा नेता निलेश राणे द्वारा मामले को उठाने पर मालवण नगर पालिका ने स्क्रैप कारोबारी कबाड़ दुकानदार के दुकान और मकान को बुलडोजर नहीं गिरा दिया था महाराष्ट्र में बुलडोजर एक्शन के इस मामले में काफी सुर्खियां बटोरी थी इस मामले में नया ट्विस्ट आया है।

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महीने भर बाद नया ट्विस्ट

बुलडोजर एक्शन का शिकार हुए कबाड़ व्यापारी किताबउल्लाह हमीदुल्लाह खान की याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को अवमानना की नोटिस जारी किया है। शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी करते हुए कहा है, कि यह पिछले साल दिए गए दिशा निर्देशों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नोटिस पर अब सिंधु दुर्ग जिले में मालवण नगर परिषद के मुख्य अधिकारी और प्रशासक संतोष जिगारे को जवाब देना होगा। न्यायमूर्ति भूषण आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ में यह नोटिस जारी की है। याचिका करता ने खुद की दुकान और मकान पर हुए एक्शन को कोर्ट की अवमानना से जोड़ा है। याचिका में कहा है कि राज्य की मशीनरी किस तरह से दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर रही है।

मकान दुकान पर चला था बुलडोजर

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था, की दुकान और मकान पर बुलडोजर एक्शन उसकी पत्नी और उसके नाबालिक बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के 1 दिन बाद की गई थी। इस एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान भारत विरोधी नारे लगाए थे खान ने अपनी याचिका में कहा था कि नगर निगम के अधिकारियों ने उनकी तीन सेट की दुकान और आवास को अवैध संरचना बात कर ध्वस्त कर दिया था। मालवण थाना पुलिस ने तब कहा था कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे की जांच करके कोर्ट में चार्जशीट पेश की जाएगी।

नहीं दिया कोई नोटिस

याचिका करता की ओर से पेश अधिवक्ता फोजिया शकील ने कहा कि यह स्थानीय अधिकारियों ने करवाई याचिकाकर्ता को कोई नोटिस दिए बिना की गई थी। उन्होंने एक घर और दुकान को ध्वस्त कर दिया पिछले साल बुलडोजर एक्शन के मामले बढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि बिना पूर्व लिखित नोटिस के किसी भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जा सकता है। नोटिस में प्रॉपर्टी के वैध होने के कारण का उल्लेख किया जाए इतना ही नहीं मालिकों को जवाब देने के लिए कम से कम 15 दिन का समय दिया गया हो। नोटिस पंजीकृत डाक से भेजी जाए बुलडोजर एक्शन होने के बाद कबाड़ व्यापारी ने मालवण छोड़ने का ऐलान कर दिया था।

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