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Bishnoi Mukam Mela 2025: बिश्नोई मुकाम मेला कल से शुरू होने जा रहा है बिश्नोई समाज का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल मुकाम मेला का आयोजन 23 फरवरी से 28 फरवरी तक होगा पूरे भारत से ही नहीं दुनिया भर से यहां इस मेले में बिश्नोई समाज की संस्कृति इतिहास को देखने के लिए लोग आते हैं।
मेले की रात्रि को भगवान जंभेश्वर की जागरण का आयोजन होता है सुबह हवन व पाहल दिया जाता है तथा देश विदेश से आए लोग जांभोजी की समाधि के दर्शन के बाद समराथल धोरे पर जाते हैं जहां श्री गुरु जंभेश्वर भगवान ने बिश्नोई समाज के लोगों को ही नहीं सर्व समाज के लोगों को यहां उपदेश दिए थे।
मुकाम मेला 27 फरवरी 2025
इस बार बिश्नोई समाज का सबसे बड़ा मेला मुकाम मेला का आयोजन 27 फरवरी को होगा बिश्नोई समाज के सबसे बड़े मेले में देश भर से समाज के लोग यहां पहुंचेंगे श्री गुरु जंभेश्वर भगवान की समाधि के दर्शन करेंगे।
समराथल धोरे पर भगवान जांभोजी के दर्शन के साथ-साथ नाड़ी से मिट्टी को समराथल धोरे पर लाते हैं यह एक बहुत ही शानदार दर्शनीय कार्य है इसके साथ बिश्नोई समाज का धार्मिक आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक रहस्य जुड़ा हुआ है।
इस बार फरवरी माह की अमावस्या 27 फरवरी को सुबह 8:54 पर लगेगी तथा 28 फरवरी सुबह 6:14 पर अमावस्या उतरेगी।
श्री गुरु जंभेश्वर भगवान का मेला अमावस्या के अवसर पर भरता है इस बार अमावस्या 27 फरवरी को है इसलिए मुकाम मेले का आयोजन भी 27 फरवरी को ही हैं।
बिश्नोई समाज का महाकुंभ 23 तारीख से मुकाम में शुरू होने जा रहा है फाल्गुन अमावस्या का बड़ा मेला माना जाता है मान्यता के अनुसार 1648 में संत विलोजी ने इस मेले को कायम किया था।
सभी भक्तगणों से निवेदन है जब आप घर से प्रस्थान करते हैं तो गाड़ी धीरे-धीरे आराम से चलाएं भगवान श्री गुरु जंभेश्वर के द्वारा बताए अनुसार ओम विष्णु का स्मरण करते हुए हृदय में जांभोजी का ध्यान करते हुए श्रद्धा से मुकाम, पीपासर, समराथल तपोस्थली जाकर धोक लगाएं।
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