आम बजट....

आज पेश होगा आम बजट….

कुछ बिन्दुओ के साथ समझते है इस बजट की उम्मीदों को ….

वित मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को सुबह 11 बजे वर्ष 2024 -2025 का पूर्ण बजट पेश करेगी…बजट से ये बड़ी उम्मीदे

1. 80सी मे छूट की सीमा बढाई जाए

रु 2.5 लाख करे | स्टैण्डर्ड डिडक्शन भी रु 1 लाख हो |स्लैब का दायरा बढ़े |

2. एफडी पर ब्याज छूट ढाई गुना हो

अभी 10 हजार तक ब्याज कर मुक्त है | इसे 25 हजार तक बढ़ाया जाए |

3. होम लोन के ब्याज पर छूट बढ़ाए

अभी रु1.50 लाख तक कर मुक्त है ,इसे रु 2.5 लाख तक किया जाए |

4. हेल्थ insurence की छूट सीमा बढ़े

80डी मे अभी रु 25 हजार तक के प्रीमियम पर छूट | ये 50 हजार संभव |

5. आयुष्मान भारत मे कवर बढ़ाए

अभी 5 लाख रु तक का ही कवर | इसे बढ़कर 7 लाख रु कर सकते है |

6. कैपिटल गेन टैक्स स्लैब बदले

अभी 10%,20% और 15% की 3 स्लैब है ,ये एक दर हो सकती है |

7. ईवी पर सब्सिडी बढ़ा दी जाए

अभी कार पर 3 लाख , दोपहिया पर रु 15 हजार छूट | इसे बढ़ा सकते है |

8. महिलाओ के लिए रियायते बढ़े

लखपति दीदी , ड्रोन दीदी , हेल्थ व आय के दायरे मे छूट बढ़ सकती है |

9. किसान सम्मान निधि बढाई जाए

अभी सालाना 6 हजार रु देते है ,जिसे 8 हजार रु तक बढ़ा सकते है |

इस वित्त वर्ष जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 % से 7 % तक रहने का अनुमान

चालू वित्त वर्ष मे महगाई दर 4.5 % रह सकती है |

गरीबो को सीधा लाभ देकर ऊँची महगाई से बचाया जाएगा …

जीडीपी :- ग्लोबल इकॉनोमी मे सुस्ती के बाद भी घरेलू फैक्टर्स से निजी एरिया मे मांग बढ़ी रही है | कोरोनाकल के मुकाबले 20 % बढ़ोतरी |

महगाई :- एक तिहाई खाद्य कीमते तो सब्जियों के कारण बढ़ी है ….

2024 मे खाद्य महगाई बढ़ाने मे सब्जियों की 30.6 % हिस्सेदारी |गरीबो को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए इससे बचायेंगे |

कृषि :-पिछले 5 साल से 4 % की रफ्तार से बढ़ रहा ये सेक्टर….

इस बार मानसून सामान्य रहने की उम्मीद से कृषि एरिया सुधरेगा | डिजिटल टेक्नोलॉजी , बीजो की गुणवता को बढ़ावा देना जरूरी है |

रोजगार :- वर्कफोर्स मे sallery पर काम करने वाले महज 21 % है …

मार्च 2024 तक 15 साल या उससे ज्यादा उम्र वालो के लिए शहरी बेरोजगार दर 6.8 % से घटकर 6.7 % पर आ गयी है |

मेहनताना :- ओवरटाइम काम का रेट 100 % ,चीन मे 50 %

शेयर :- 6 साल मे एनएसई पर ट्रेड करने वाले अकाउंट तिगुने

कैपिटल गेन :- 2019 की तुलना मे तीन गुना तक बढ़ गया है ….

तुरंत राहत देने से ज्यादा मीडियम से लॉन्ग टर्म पर फोकस