राजस्थान पशुपालन से संबंधित संस्थाएं एवं प्रमुख योजनाएं

राजस्थान में पशुपालन से संबंधित है संस्थाएं एवं प्रमुख योजनाओं के बारे में हम बात करेंगे राजस्थान में पशुपालन से संबंधित कौन-कौन सी संस्थाएं कार्य कर रही है तथा सरकार द्वारा किन योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।

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राजस्थान पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर 13 में 2010 को स्थापित किया गया यह राजस्थान का एकमात्र वेटरनरी विश्वविद्यालय है।

देश की पहली कामधेनु शोधपीठ राजूवास बीकानेर में स्थित है।

राजस्थान राज्य स्तरीय पशु आहार जांच प्रयोगशाला राजू वास बीकानेर में स्थित है।

राजस्थान राज्य पशु पोषाहार संस्थान जामडोली जयपुर 1991 में स्थापित।

राजफैड द्वारा संचालित पशु आहार संयंत्र झोटवाड़ा जयपुर प्रादेशिक पशु चिकित्सालय जैविक उत्पादन इकाई जामडोली जयपुर यह संस्थान 1957 से पशुओं में संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है।

राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड जामडोली जयपुर 1998 में इसका गठन किया गया था।

राजस्थान राज्य पशु प्रबंधन व पशु प्रशिक्षण संस्थान जामडोली जयपुर में स्थित है।

राजस्थान राज्य पशुपालक कल्याण बोर्ड जयपुर 13 अप्रैल 2005 में स्थापित किया गया।

केंद्रीय पशु प्रजनन केंद्र सूरतगढ़ गंगानगर थारपारकर नस्ल हेतु केंद्र सरकार द्वारा संचालित किया जा रहा है।

राजस्थान का एकमात्र पक्षी चिकित्सालय जोहरी बाजार जयपुर 1953 में स्थापित किया गया था।

राज्य में पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान जोधपुर में स्थित है।

देश का प्रथम चारा बैंक वृह्द चारा बीज उत्पादन फार्म मोहनगढ़ जैसलमेर 1990 91 में स्थापित किया गया था।

रथ प्रदेश या रथ क्षेत्र राजस्थान के इस प्रदेश में अलवर भरतपुर में धौलपुर जिले आते हैं। इस क्षेत्र में मुर्रा नस्ल की भैंस अलवरी बकरी तथा रथ नस्ल का गोवंश पाया जाता है।

जनश्री योजना(सरस सुरक्षा कवच) दुग्ध उत्पादकों के लिए आरसीडीएफ व भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा दूध घोषित उत्पादकों के लिए संचालित बीमा योजना है। स्वाभाविक मृत्यु होने पर 30000 दुर्घटना में मृत्यु होने पर ₹50000 सहायता राशि दी जाती है।

राजस्थान पशुधन निशुल्क दवाई योजना 15 अगस्त 2012 से प्रारंभ की गई थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में इस योजना का शुभारंभ किया गया था।

नेशनल प्रोग्राम फॉर बोवाईन ब्रीडिंग भारत सरकार द्वारा गोवंश एवं भैंस वंश के पशुओं के नस्ल सुधार विकास एवं संवर्धन के लिए 2015 में 100% प्रतिशत केंद्रीय सहायता से इस परियोजना का प्रारंभ किया गया है।

भामाशाह पशुधन बीमा योजना पशुधन की अकाल मृत्यु के कारण हुए नुकसान को बचाने हेतु प्रारंभ की गई योजना 13 जुलाई 2016 से प्रारंभ की गई थी। इसमें पशुधन का 50000 का बीमा किया जाता है।

मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना इस योजना के अंतर्गत दुग्ध उत्पादकों को ₹5 प्रति लीटर की दर से अनुदान राशि दी जा रही है। यह योजना 2013 में शुरू की गई थी। बाद में इसे बंद कर दिया गया था 2019 में इसे पुन शुरू किया गया है।

102 मोबाइल वेटरनरी सेवा गौशालाओं व पशुपालकों को उनके घर पर ही आपातकालीन पशु चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए शुरू की गई योजना है।

राजस्थान कामधेनु डेयरी योजना 2021 राजस्थान सरकार ने पशुपालकों में डेयरी संचालित करने वालों के लिए यह योजना 2020-21 में प्रारंभ की है। इस योजना में सरकार डेयरी संचालक को चार प्रतिशत की ब्याज दर पर 90% तक अधिकतम 36 लाख का लोन देगी। अगर पशुपालक समय पर चुकता कर देता है। तो लोन पर सरकार द्वारा 30% सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।

राजस्थान में पशुओं की सर्वाधिक विदेशी नस्ल गंगानगर जिले में स्थित है।

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