आरबीआई ने बनाया नया नियम धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला जानिए अब बैंकों को फॉलो करनी होगी क्या प्रोसेस

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भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने सोमवार को एक सर्कुलर जारी करते हुए बड़ा नियम बनाया है इसके तहत धोखाधड़ी वाले खातों को लेकर खास नियम बनाया गया है रिजर्व बैंक ने धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर उच्चतम न्यायालय की सिफारिश को शामिल करने के लिए मूल दिशानिर्देश में संशोधन किया है।

न्यायालय ने अपने आदेश में बैंक से खाते को धोखाधड़ी की श्रेणी में डालने से पहले कर्जदारों की बात सुनने को कहा था केंद्रीय बैंक ने कहा कि धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर तीन संशोधित मूल दिशा निर्देश सिद्धांत आधारित है यह पूरी तरह संचालन व्यवस्था और धोखाधड़ी जोखिम में प्रबंधन की निगरानी में निदेशक मंडल की भूमिका को मजबूत करते हैं।

क्या कहा रिजर्व बैंक ने

भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने बयान में कहा मूल निर्देशों में अब स्पष्ट रूप से जरूरी है कि केंद्रीय बैंक के दायरे में आने वाली इकाइयां उच्चतम न्यायालय के 27 मार्च 2023 के फैसले को ध्यान में रखते हुए व्यक्तियों संस्थाओं के खातों को धोखाधड़ी की श्रेणी में रखने से पहले समय बंद तरीके से प्राकृतिक न्यायालय के सिद्धांतों का अनुपालन सुनिश्चित करें।

कर्जदारों को नोटिस दिया जाना चाहिए

उल्लेखनीय है कि एसबीआई बनाम राजेश अग्रवाल मामले में मुख्य न्यायाधीश डी य चंद्रचूड़ की अगवाई वाली पीठ ने किसी खाते को धोखाधड़ी की श्रेणी में डालने से पहले कर्ज लेने वाले की बात को सुनने जाने के उसके अधिकार की बात और वकालत की है बयान के अनुसार प्राकृतिक न्यायालय के सिद्धांत के तहत कर्जदारों को नोटिस दिया जाना चाहिए पॉलिसीक ऑडिट रिपोर्ट के निष्कर्ष को समझने का अवसर दिया जाना चाहिए और उनके खातों को मास्टर निर्देशों के तहत धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने से पहले संबंधित बैंक को उन्हें अपना पक्ष रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।

भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने कहा कि उसके दायरे में आने वाली इकाइयों में धोखाधड़ी का शीघ्र पता लगाने और रोकथाम करने और कानून परिवर्तन एजेंसियां और पर्यवेक्षकों को समय पर सूचना देने के लिए प्रारंभिक चेतावनी संकेत और खातों में गड़बड़ी के बारे में अवगत कराने को लेकर चीज और दृष्टि की गई है इसमें कहा गया है कि निर्देश में वित्तीय संस्थानों में मजबूत आंतरिक लेखा परीक्षा और नियंत्रण ढांचा स्थापित है करने की जरूरत बताई गई है।