चोर का असली चेहरा अकबर वह बीरबल की कहानी

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एक बार की बात है बादशाह अकबर का खजाना लगातार चोरी होने लगा महल के दरबारी और सिपाहियों ने बहुत कोशिश की लेकिन चोर का पता नहीं चल पाया अकबर परेशान हो गए। आखिरकार उन्होंने बीरबल को बुलाया और कहा बीरबल यह चोर इतना चालाक है कि हर बार हमारी आंखों में धूल झोंक कर चला जाता है मुझे उसे पकड़वाओ वरना मेरा खजाना खाली हो जाएगा।

बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा जहां पनाह चोर चाहे कितना भी चालाक हो लेकिन बीरबल की बुद्धि से नहीं बच सकता मुझे दो दिन का समय दीजिए मैं चोर को आपके सामने पेश कर दूंगा।

पहला दिन योजना तैयार

बीरबल ने सबसे पहले खजाने का निरीक्षण किया उसने देखा कि चोर ने बड़ी सावधानी से चोरी की थी लेकिन एक बात गौर करने लायक थी हर बार चोरी सिर्फ अमावस्या की रात को ही होती थी। उसने सोचा चोर को अंधेरे का सहारा चाहिए और वह खजाने की जगह अच्छी तरह जानता है इसका मतलब चोर महल के अंदर का ही कोई आदमी है।

बीरबल ने तुरंत महल के सारे सेवकों और दरबारियों को इकट्ठा किया उसने कहा आज रात एक विशेष पूजा का आयोजन किया जाएगा इसमें महल के हर व्यक्ति को भाग लेना होगा।

दूसरा दिन चोर की परीक्षा

रात को महल के बगीचे में एक बड़ी हवन कुंड बनाई गई सभी लोग वहां इकट्ठा हुए बीरबल ने कहा जहांपनाह ने हुक्म दिया है की चोरी करने वाले को खुद ही अपने गुनाह कबूल कर लेना चाहिए लेकिन अगर चोर ने सच नहीं कहा तो हमारे पास एक जादू तरीका है जिसे चोर का असली चेहरा सामने आ जाएगा।

लोग हैरानी से बीरबल की बात सुनने लगे।

बीरबल ने वहां एक लंबा गड्ढा खुदवाया और उसमें एक बकरी बांध दी फिर उसने सबको बताया यह जादुई बकरी है अगर चोर ने इसे छुआ तो यह तुरंत मिमियाने लगेगी और चोर का नाम उजागर कर देगी अब हर व्यक्ति बारी-बारी से इस बकरी को छूएगा।

Akbar Birbal

एक-एक करके सभी लोग उसे गड्ढे के पास गए और बकरी को छुआ बकरी बिल्कुल शांत रही कोई मिमियाने की आवाज नहीं आई बीरबल ने सबको रुकने का आदेश दिया और कहा अब मेरे साथ चलो सच अपने आप सामने आ जाएगा।

चोर का पर्दाफाश

बीरबल सबको लेकर एक कमरे में गया और कहा सबने बकरी को छुआ लेकिन अब मैं चोर को पकड़ लूंगा उसने एक-एक करके सभी के हाथ सुघने शुरू किया अचानक उसने एक आदमी का हाथ पकड़ कर कहा जहाँ पनाह यही वह चोर है।

अकबर हैरान रह गए उन्होंने पूछा लेकिन बीरबल तुमने इसे कैसे पहचाना?

बीरबल ने समझाया जहांपनाह मैंने बकरी पर एक खास इत्र लगाया था जो भी इसे छूएगा उसके हाथ से इत्र की खुशबू आएगी लेकिन यह चोर डर के कारण बकरी को सुनने की हिम्मत ही नहीं कर पाया उसके हाथ बिल्कुल साफ है और यही इसका गुनाह साबित करता है

चोर ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और खजाने से चोरी किए गए सारे गहने और धन वापस कर दिए।

अकबर का बीरबल को इनाम

अकबर बीरबल की इस चतुराई से बहुत खुश हुए उन्होंने कहा बीरबल तुम वाकई महान हो तुम्हारी बुद्धि और चतुराई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि तुम सबसे श्रेष्ठ हो।

बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा जहांपनाह बस आपकी सेवा करना ही मेरा कर्तव्य है।

इस तरह बीरबल ने अपनी बुद्धिमानी से नए केवल चोर को पड़ा बल्कि बादशाह के खजाने को भी बचा लिया। आपको यह छोटी सी कहानी कैसी लगी कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं अपने सभी मित्र बच्चों को शेयर जरूर करें।