रीट-सीटेट मे नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान नहीं,सीईटी में इस साल से होगी नेगेटिव मार्किंग

रीट-सीटेट मे नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान नहीं,सीईटी में इस साल से होगी नेगेटिव मार्किंग

बोर्ड का दावा- सोच समझकर व छात्र हित में लागू किया है मार्किंग का प्रावधान

समान पात्रता परीक्षा मे गलत उत्तर पर माईनस मार्किंग का सिस्टम लागू करने को लेकर विरोध शुरू हो गया है | इसको लेकर बेरोजगारो और चयन बोर्ड के अपने अलग अलग दावे है | एक तरफ बेरोजगार यह कहते हुए इसका विरोध कर रहे है की पात्रता परीक्षा मे माईनस मार्किंग नहीं की जानी चाहिए | रीट-सीटेट भी पात्रता परीक्षाए है | इनमे भी माइनस मार्किंग का प्रावधान नही है |

इसलिए सीईटी मे इसे लागू नही किया जाना चाहिए | उधर,बोर्ड का दावा है की अगर माईनस मार्किंग का सिस्टम लागू नही किया जाता तो इस बार करीब 6 लाख अभ्यर्थियों को सीईटी की पात्रता मिलने की सम्भावना है | अगर इतनी बड़ी संख्या मे अभ्यर्थी पात्र होंगे तो सीईटी का मकसद खत्म हो जाता | उधर,चयन बोर्ड ने सीईटी का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है | अभ्यर्थी 9 अगस्त से 7 सितम्बर तक इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है |

पिछली बार सीईटी मे करीब 8 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे | बोर्ड के अनुसार पिछली सीईटी मे 8 लाख मे से 4.15 लाख अभ्यर्थियों ने 40 प्रतिशत व 35 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए थे |

10 से 12 लाख उम्मीदवारों के शामिल होने की उम्मीद …..

इस बार बोर्ड को उम्मीद है की सीईटी मे 10 से 12 लाख अभ्यर्थी शामिल हो सकते है | इसी स्थिति मे अगर माईनस मार्किंग नही की जाए तो 5 लाख से 6 लाख तक अभ्यर्थी पात्रता हासिल कर लेंगे | ऐसी स्थिति मे टू स्टेप परीक्षा का कोई मतलब नही रह जाता | अब माईनस मार्किंग करने से 2.50 से 3 लाख अभ्यर्थी ही पात्रता हासिल करेंगे,जो काफी है |

आलोक राज – माईनस मार्किंग छात्रहित व राज्य हित मे भी है | माईनस मार्किंग का सिस्टम लागू नही करने पर कुल अभ्यर्थी मे से करीब 50 फीसदी यानि 5 से 6 लाख अभ्यर्थी पात्रता हासिल करेंगे | पात्रता हासिल करने के बाद वे कोचिंग के चक्कर मे फंस जाते है | फिर चाहे आगे वाली भर्तियों मे उनका चयन होता या नही होता | अब माईनस मार्किंग से करीब 3 लाख अभ्यर्थी ही पात्रता प्राप्त करेंगे | वैसे कही भी ऐसा नही लिखा की पात्रता परीक्षा मे माईनस मार्किंग को लागू नही किया जा सकता है |

पात्रता परीक्षा मे कही भी नेगेटिव मार्किंग नही होती है | परीक्षा से दो महीने पहले नेगेटिव मार्किंग का सिस्टम लागू करना गलत है | अब नए परीक्षा पैटर्न के अनुसार तैयारी करने मे युवाओ को परेशानी होगी | इससे युवाओ क मे आक्रोश है | बोर्ड ने समय रहते इसकी जानकारी क्यों नही दी | दूसरी ओर , सीईटी का सिलेबस आरएएस भर्ती परीक्षा से भी बड़ा है | ऐसी स्थिति मे राज्य सरकार को दखल देकर तुरंत माईनस मार्किंग का प्रावधान हटाना चाहिए | यह छात्रहित मे रहेगा …