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(1) 22 जुन 1946
(2) 16 अगस्त 1946
(3) 22 अक्टूबर 1946
(4) 22 अगस्त 1946
सही उत्तर – 16 अगस्त 1946
16 अगस्त 1946 को मुस्लिम लीग के द्वारा प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाया गया था। इस समय बंगाल के प्रधानमंत्री हुसैन सुहरावर्दी थे। सुहरावर्दी ने जनता के समक्ष घोषणा करके इस दिन सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी तथा जनता के समक्ष पुलिस व सेना को नियंत्रित करने की बात कही और आश्वासन दिया कि सेना और पुलिस कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।
मुस्लिम कार्यवाही दिवस का परिणाम
- रैली में लीग नेताओं ने जोशीले भाषण दिए जिससे भारी भीड़ उत्साहित हो गई।
- इसके बाद कलकत्ता में बड़े पैमाने पर दंगे हुए। पहले दिन करीब 4000 लोग मारे गए। दंगों में हत्या, बलात्कार, जबरन धर्म परिवर्तन और लूटपाट शामिल थी।
- कई लोग सुहरावर्दी को लोगों को भड़काने और मुख्यमंत्री के रूप में हिंसा को रोकने में विफल रहने का दोषी मानते हैं।
- कुछ लोग स्थिति पर नियंत्रण न कर पाने के लिए बंगाल के गवर्नर सर फ्रेडरिक जॉन बरोज़ को भी दोषी ठहराते हैं।
- यह सांप्रदायिक हिंसा जल्द ही उत्तर भारत के अन्य भागों, विशेषकर बिहार में फैल गई। नोआखली (अब बांग्लादेश में) में भीषण हिंसा हुई।
- डायरेक्ट एक्शन डे के दौरान और उसके बाद हुई हिंसा को ग्रेट कलकत्ता किलिंग भी कहा जाता है। कुछ जगहों पर दंगे इतने बड़े पैमाने पर हुए कि उन्हें नरसंहार कहा जा सकता है।
- भारत की आज़ादी पर हज़ारों लोगों के मारे जाने या उन्हें प्रताड़ित किए जाने का असर पड़ा, खासकर पूर्वी, उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भारत में। कलकत्ता में हुई हत्याएँ आज़ादी से पहले हुए दंगों में से पहली थीं।
- इस सारे रक्तपात और सांप्रदायिक तनाव के कारण अंततः कांग्रेस ने हिंसा और अराजकता को दबाने के लिए देश के विभाजन को स्वीकार कर लिया।
यह भी पढें – 6 अप्रैल 1930 की तिथि भारत के इतिहास में अच्छी तरह जानी जाती है, क्योंकि यह तिथि संबंधित है?
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